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आओ सजाएं अपनी बगिया

आज दिनांक २१.९.२३ को प्रदत्त स्वैच्छिक विषय पर, प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति:
आओ सजाएं अपनी बगिया :
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क्यों जाते हैं जाने वाले,,कैंसी इनकी प्रेम भावना,
लोभ-मोह है नहीं व्यापता,नहीं दिल मे कोई कामना।

कोई नगरी ऐंसी होती, प्रेम का सभी महत्व समझते,
अपना बन कर दूर न जाते, सभी वहां मिल-जुलकर रहते।

आओ हम मिलकर सब खोजें, प्रेम नगर है कौन डगरिया,
निश्चय कर लो हम सब मिलकर ,आओ सजाएं अपनी बगिया ।

प्रेम नगरिया में सब  मिलकर, प्रेम की राह  दिखा  देंगे,
जिसके दिल मे प्रेम नहीं है,सब मिलकर प्रेम सिखा देंगे।

प्रेम भावना होती सब मे, अवसर पा कर बढ़ जाती है,
थोड़ा सा प्रोत्साहन पा कर,कुसमित-पल्लवित हो जाती है।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

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2 Comments

सुन्दर सृजन

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Reena yadav

22-Sep-2023 07:43 AM

👍👍

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